: ਗਰੀਬ ਪਰਿਵਾਰ ਦੀ ਬੱਚੀ ਦੀ ਸਖਤ ਮਿਹਨਤ ਲੲੀ ਸ਼ੇਅਰ ਜਰੂਰ ਕਰੋ ਬੱਚੌ ਨੂੰ ਹੌਂਸਲਾ ਮਿਲੇ ..
दलित प्रतिभाएं लगातार मेरिट को मात दे रही हैं। कल्पित वीरवाल, टीना डाबी, भूषण अहीरे कुछ ऐसे ही नाम हैं जिन्होंने उस अवधारणा को बुरी तरह तोड़ दिया जिसमें मेरिट को सर्वोपरि बताया जाता है। अब ऐसा ही काम किया है दलित बेटी अंजेश कुमारी रसगनिया ने।
पौंख की अंजेश कुमारी रसगनिया को सोमवार को घोषित 12वीं साइंस के रिजल्ट में 97.60 प्रतिशत मार्क्स मिले हैं।
अंजेश ने 97.60 प्रतिशत मार्क्स लाने के लिए कितना स्ट्रगल किया है उसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि वे परीक्षा के दिन भी अपने पिता की हेल्प करती थीं। अंजेश के पिता जूती बनाने का काम करते हैं। अंजेश भी बगैर किसी संकोच के अपने पिता के काम में हाथ बंटाती थीं।
भास्कर के मुताबिक, अंजेश ने बताया कि उसका अंग्रेजी का पेपर था, उसी दिन हादसे में पिता का पैर टूट गया। हॉस्पिटल में पिता की हालत देख घबराई अंजेश ने एग्जाम देने जाने से मना कर दिया। अंजेश डॉक्टर बनना चाहती है, यह बात उसके पिता प्रकाशचंद मां छोटी देवी को पता थी। पिता एडमिट थे, मां ने बेटी को हिम्मत बंधाई और एग्जाम दिलाने स्कूल ले गई।
प्रकाशचंद की आर्थिक हालत कमजोर होने के चलते अंजेश भी उनके काम में हेल्प करती थी। वो एग्जाम के दौरान भी दिन में जूतियां बनाने में पिता का हाथ बंटाती तथा रात में और सुबह जल्दी उठ कर एग्जाम की तैयारी करती। अंजेश साइंस की स्टूडेंट है। उसे बायोलॉजी में 100, केमेस्ट्री में 98, फिजिक्स में 93, हिंदी में 95 अंग्रेजी में 96 मार्क्स मिले हैं। अंजेश के पिता प्रकाशचंद खुद 10वीं तक पढ़े हैं तो मां छोटी देवी अनपढ़ हैं।